मुंबई, 21 जनवरी (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार चौथे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 427 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। मुद्रास्फीति में तेजी के बीच मौद्रिक नीति को कड़ा किये जाने की चिंता के बीच वैश्विक बाजारों में चौतरफा बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।
कारोबारियों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। हालांकि कारोबार के अंतिम घंटे में कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से गिरावट पर अंकुश लगा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 427.44 अंक यानी 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,037.18 पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 139.85 अंक यानी 0.79 प्रतिशत टूटकर 17,617.15 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स शेयरों में बजाज फिनसर्व 5.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रही। इसके अलावा टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, भारतीय एयरटेल, एल एंड टी, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस और इन्फोसिस भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली एचयूएल 2.58 प्रतिशत चढ़कर सर्वाधिक लाभ में रही। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 18.68 प्रतिशत बढ़कर 2,300 करोड़ रुपये रहने की खबर से कंपनी के शेयर में मजबूती आयी।
इसके अलावा, मारुति, एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक और टीसीएस समेत कुछ कंपनियों में भी 1.89 प्रतिशत तक की तेजी रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से घरेलू बाजार नुकसान में रहा। सभी प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार दबाव में रहा। मुद्रास्फीति को लेकर चिंता से वैश्विक बाजारों में कमजोर धारणा और कंपनियों के उम्मीद के मुकाबले हल्के तिमाही वित्तीय परिणाम से भी बिकवाली दबाव बढ़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर बाधाएं और आगामी बजट को लेकर अनिश्चितताओं से बाजार में आने वाले दिनों में काफी अधिक उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।’’
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 2,185.85 अंक यानी 3.57 प्रतिशत जबकि निफ्टी 638.60 अंक यानी 3.49 प्रतिशत नीचे आया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘सूचकांकों में इस सप्ताह करीब 4 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसका कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मुनाफा वसूली रही। बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ तेल और कच्चे माल की लागत में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि रफ्तार धीमी पड़ने से निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।’’
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और जापान का निक्की नुकसान में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख था।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.92 प्रतिशत लुढ़क कर 86.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 8 पैसे बढ़कर 74.43 पर पहुंच गयी।
शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 4,679.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा
रमण मानसी
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