चंडीगढ़, 24 मई (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को हरियाणा के साथ जल बंटवारे के विवाद का मुद्दा उठाया और सीमावर्ती राज्य के खिलाफ भेदभाव की बात कही।
उन्होंने दिल्ली में नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में पंजाब के साथ केंद्र के व्यवहार को ”पक्षपातपूर्ण” और ”अनुचित तथा अवांछनीय” बताया।
उन्होंने भाखड़ा नांगल बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती को लेकर केंद्र की निंदा की।
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर टकराव चल रहा है, क्योंकि आप सरकार ने भाखड़ा बांध से पानी साझा करने से इनकार कर दिया है। पंजाब सरकार का कहना है कि पड़ोसी राज्य पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है।
एक बयान के अनुसार मान ने जोर देकर कहा कि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है।
उन्होंने इस गंभीर स्थिति को कम करने के लिए सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर की जगह यमुना सतलुज लिंक (वाईएसएल) नहर के निर्माण का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में पहले ही कम पानी है।
उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि पंजाब और हरियाणा के बीच नदी के पानी का बंटवारा करते समय यमुना पर विचार नहीं किया गया, जबकि रावी और ब्यास के पानी पर विचार किया गया।
मान ने केंद्र द्वारा गठित सिंचाई आयोग की 1972 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहा गया है कि पंजाब यमुना नदी घाटी में आता है, और इसलिए, यदि हरियाणा का रावी और ब्यास नदियों के पानी पर दावा है, तो पंजाब का भी यमुना के पानी पर समान अधिकार होना चाहिए।
भाषा पाण्डेय
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