छत्रपति संभाजीनगर, 27 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र का महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास निगम (एमएआईडीसी) किसानों की कुछ फसलों के अतिरिक्त उत्पादन का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए मोबाइल प्रसंस्करण इकाइयां खरीदने की योजना बना रहा। इससे किसानों की इन फसलों एक से डेढ़ साल तक के अतिरिक्त समय तक खराब होने से बचाया जा सकेगा।
बाजार में अधिक आपूर्ति के कारण किसान अपनी उपज, विशेष रूप से जल्दी खराब होने वाली उपज, औने-पौने दामों पर बेचने या उन्हें फेंकने पर भी मजबूर हो जाते हैं।
निगम के प्रबंध निदेशक मंगेश गोंडावले ने कहा कि एमएआईडीसी की इस पहल का उद्देश्य उत्पादकों को अच्छा लाभ सुनिश्चित करना है।
अधिकारी ने कहा कि वे दो मशीनें खरीदेंगे और उन्हें अगले मानसून सत्र तक पायलट आधार पर दो जिलों में तैनात करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मशीन 16-18 उत्पादों का प्रसंस्करण कर सकती है और इसे क्षेत्र के आधार पर ढाला जा सकता है।
प्रसंस्करण में धुलाई, छीलना, सुखाना, काटना, टुकड़े करना और द्रवीकरण शामिल है। उदाहरण के लिए, टमाटर को प्यूरी में बदला जा सकता है, जबकि प्याज को लंबे समय तक भंडारण के लिए सुखाया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा, “कभी-कभी, किसी क्षेत्र में किसी फसल का कुल उत्पादन अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में किसानों को नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हम दो पोर्टेबल प्रसंस्करण इकाइयां शुरू करेंगे।”
उन्होंने कहा कि इन मशीनों को सीधे खेतों में ले जाया जा सकता है, जिससे किसानों का परिवहन खर्च बचेगा।
गोंडावले ने कहा, “प्रत्येक इकाई प्रतिदिन 150-200 टन उपज का प्रसंस्करण कर सकती है और विशेष पैकेजिंग के लिए सुसज्जित है जिससे फसल की ‘शेल्फ लाइफ’ 12-18 महीने तक बढ़ जाती है।”
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