नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र में नेरल-माथेरान और गुजरात में साणंद-नलसरोवर भूमि भूखंड निवेश में शीर्ष पांच उभरते गलियारों में से हैं, क्योंकि इनके जरिए निवेशक अगले 10 वर्षों में पांच गुना तक मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया की ‘भारत में शीर्ष निवेश गलियारे’ रिपोर्ट के अनुसार, भूमि भूखंडों को खरीदने के बाद निवेशकों को स्थिर किराये की आय उत्पन्न करने के लिए सप्ताहांत आवास, अवकाश गृह आदि विभिन्न तरह के आवास का निर्माण करने होंगे जिससे अच्छा मुनाफा हो सकता है।
चेन्नई में पासईसीआर-इंजंबकम्-कोवलम, हैदराबाद में कोमपल्ली-मेडचल-शमीरपेट और कोलकाता के पास न्यू टाउन-राजारहाट निवेश के लिए उभरते अन्य तीन गलियारे हैं।
कोलियर्स इंडिया ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘ भूमि में निवेश करना आने वाले वर्षों में सोने की खदान खोलने जैसा है। बेहतर रिटर्न के लिए भूमि का मुद्रीकरण करना सीखना आपके लिए इस निवेश को कारगर बनाने में फायदेमंद साबित होगा।’’
अगले 10 वर्षों में महाराष्ट्र के नेरल-माथेरान में भूमि निवेश पर पांच गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद है, इसके बाद गुजरात में साणंद-नलसरोवर और चेन्नई में ईसीआर (ईस्ट कोस्ट रोड) में 3.5 गुना का रिटर्न मिलेगा।
कोमपल्ली-मेडचल-शमीरपेट (हैदराबाद) में अगले 10 वर्षों में तीन गुना और कोलकाता के पास न्यू टाउन-राजारहाट में 2.5 गुना रिटर्न मिलेगा।
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक उमाकांत वाई ने कहा, ‘‘ वास्तव में यह देखा गया है कि प्रकृति के करीब तथा मेट्रो शहरों की निकटता वाले प्रमुख स्थलों पर विला, फार्महाउस, प्लॉट और जमीन की मांग कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद दोगुनी हुई है।’’
उन्होंने कहा कि भूमि में निवेश करने और इसे किराये पर देने से तैयार अपार्टमेंट की तुलना में 10 गुना अधिक मुनाफा होता है।
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