नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) महाराष्ट्र सरकार लॉजिस्टिक, नवीकरणीय ऊर्जा, मशीनरी, इलेक्ट्रिक वाहन एवं रसायन जैसे क्षेत्रों में यूरोपीय देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने की कोशिश में जुटी हुई है।
इसके लिए राज्य सरकार ने भारत में यूरोपीय देशों के कूटनीतिक मिशन के साथ संपर्क बढ़ाना शुरू किया है। राज्य सरकार ने कूटनीतिक प्रतिनिधियों, यूरोप-भारत उद्योग मंडल के प्रमुखों के अलावा कारोबारी उद्यमों के प्रमुखों के साथ संपर्क साधने के लिए यूरोपियन बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (ईबीटीसी) के साथ प्राइमस पार्टनर्स की सेवाएं ली हैं।
ईबीटीसी ने अपने एक बयान में इसका ब्योरा देते हुए कहा कि इन बैठकों एवं मुलाकातों में महाराष्ट्र के दीर्घकालिक औद्योगिक एवं निवेश लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए यूरोपीय उद्यमों की तरफ से पेश किए जाने वाले नवाचारी एवं टिकाऊ समाधानों पर चर्चा की जाती है।
ईबीटीसी ने कहा कि महामारी से कारोबारी गतिविधियों में पैदा हुए व्यवधान को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों के परिप्रेक्ष्य में यूरोपीय कंपनियों के महाराष्ट्र में प्रवेश की संभावनाओं को परखा जा रहा है।
महाराष्ट्र के उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बलदेव सिंह ने कहा, ‘ईबीटीसी और प्राइमस पार्टनर्स की तरफ से शुरू चर्चाओं का दौर काफी सार्थक है और महाराष्ट्र राज्य में यूरोपीय उद्यमों की मौजूदगी बढ़ाने में मददगार होगा।’
चर्चा में शामिल प्राइमस पार्टनर्स के चेयरमैन देविंदर संधू ने कहा कि शून्य- कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन की दिशा में भारत के प्रतिबद्ध होने और इन क्षेत्रों में यूरोपीय देशों की प्रौद्योगिकी अगुआई होने से ऊर्जा, परिवहन एवं शहरी विकास में साझेदारी की काफी संभावनाएं हैं।
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प्रेम रमण
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