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मंगलवार, 27 मई, 2025
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मध्यप्रदेश का मुख्य ध्यान कौशल विकास पर

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भोपाल, आठ फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि एक ऐसा कार्यबल तैयार किया जा सके जो आधुनिक उद्योगों के अनुकूल हो और कृषि और विनिर्माण से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और अन्य सेवाओं तक विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा कर सके।

राज्य सरकार के एक दस्तावेज के अनुसार, भारत का शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्र 2030 तक बढ़कर 313 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जो कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) जैसी परिवर्तनकारी पहलों से प्रेरित है।

इस योजना ने देश भर में 1.42 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है। मध्यप्रदेश इस क्रांति में सबसे आगे है, जहां मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना जैसे अभिनव कार्यक्रम अपने बढ़ते कार्यबल को सशक्त बना रहे हैं और इसे भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश की कौशल विकास पहल का उद्देश्य शिक्षा और उद्योग की जरूरतों के बीच की खाई को पाटना है, तथा युवाओं को रोजगार और उद्यमिता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराना है।

राज्य में 1,700 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और प्रशिक्षण संस्थान हैं, जो सालाना 2,20,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार हैं, जिससे तकनीकी और व्यावसायिक विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलता है। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क सालाना 6,000 युवाओं को उन्नत, नौकरी के लिए तैयार प्रशिक्षण प्रदान करता है।

दस्तावेज में बताया गया है कि यह आईटीआई का आधुनिकीकरण भी है – 32 उभरते ट्रेडों में प्रतिवर्ष 12,000 युवाओं को एनसीवीटी स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 10 आईटीआई को उन्नत किया जा रहा है।

राज्य सरकार प्रशिक्षण केंद्रों को कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए अनुदान और सब्सिडी जैसी वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह पीएमकेवीवाई जैसी कौशल विकास योजनाओं को लागू करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ भी सहयोग करता है, जो युवाओं को उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय योजना है।

ग्रामीण युवाओं के लिए यह कृषि, हस्तशिल्प, डेयरी फार्मिंग और पारंपरिक शिल्प पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम प्रदान करता है, जिससे ग्रामीण युवाओं को उनकी स्थानीय अर्थव्यवस्था से संबंधित कौशल उपलब्ध होते हैं।

राज्य ने कौशल विकास पहलों के लिए एक समर्पित बजट आवंटन किया है। महत्वपूर्ण योजनाओं में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शामिल है जो युवाओं को सशक्त बनाने के लिए वजीफे के साथ व्यापक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, और मध्यप्रदेश कौशल विकास परियोजना जो तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) प्रणाली को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है।

मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन (एमपीएसडीएम) का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों, जैसे वाहन विनिर्माण, निर्माण, कपड़ा, आईटी, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य में प्रशिक्षण के साथ उच्च कुशल कार्यबल तैयार करना है।

एमपीएसडीएम सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्र के उद्योगों के साथ मिलकर काम करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रशिक्षण उद्योग के मानकों और मांगों के अनुरूप हो।

राज्य निर्माण, वस्त्र उत्पादन, वाहन मरम्मत, स्वास्थ्य सेवा और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) जैसे क्षेत्रों में विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है।

मध्यप्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए पूरे राज्य में कई कौशल विकास केंद्र स्थापित किए हैं। ये केंद्र तकनीकी कौशल (जैसे मशीनरी संचालन, वेल्डिंग और इंजीनियरिंग) और सॉफ्ट स्किल (जैसे संचार और नेतृत्व) दोनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

राज्य उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी को भी बढ़ावा दे रहा है ताकि पाठ्यक्रम को नियोक्ताओं द्वारा मांगे जाने वाले कौशल के साथ बेहतर ढंग से जोड़ा जा सके। ये सहयोग उद्योग-संचालित प्रशिक्षण की ओर ले जाते हैं, जो छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाता है। इस तरह के सहयोग के प्रमुख उदाहरण हैं कताई, बुनाई और रंगाई में प्रशिक्षण के लिए कपड़ा और इंजन मरम्मत और वाहन रखरखाव जैसे कौशल के लिए वाहन विनिर्माण जैसे क्षेत्र हैं।

मध्यप्रदेश राज्य उद्यमिता विकास संस्थान (एमपीएसईडीआई) जैसी संस्थाएं महत्वाकांक्षी उद्यमियों को प्रशिक्षित करने और मार्गदर्शन देने के लिए लक्षित कार्यक्रम प्रदान करती हैं।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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