इंदौर (मध्यप्रदेश), 16 अप्रैल (भाषा) बीते वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान दवा इकाइयों के अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर घटने से इंदौर के विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) का निर्यात करीब 9.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,948 करोड़ रुपये रह गया।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग उत्पादों के कारखानों वाले इस सेज से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 14,265.63 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था।
उन्होंने बताया कि इंदौर सेज से होने वाले निर्यात में करीब 70 प्रतिशत भागीदारी दवाओं की रहती है और अमेरिका इन दवाओं के शीर्ष आयातकों में शुमार है।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “आलोच्य अवधि में इंदौर सेज की एक प्रमुख दवा विनिर्माता इकाई के कुछ उत्पादों को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) की अनुमति मिलने से जुड़ी अड़चनों के कारण सेज के निर्यात पर असर पड़ा। सेज की कुछ अन्य दवा इकाइयों के अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में भी गिरावट आई।”
उन्होंने बताया कि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 572 हेक्टेयर में फैले इंदौर सेज में दवा, पैकेजिंग सामग्री, इंजीनियरिंग, वस्त्र निर्माण और खाद्य प्रसंस्करण समेत अलग-अलग क्षेत्रों के 59 संयंत्र चल रहे हैं। इनमें से 22 इकाइयां अकेले दवा क्षेत्र की हैं।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष डॉ. गौतम कोठारी ने कहा, “इंदौर सेज में बनने वाली जेनेरिक दवाओं का अमेरिका प्रमुख आयातक है। अमेरिका, भारत में बनने वाली जेनेरिक दवाओं पर काफी हद तक निर्भर है क्योंकि भारतीय कंपनियां अत्यंत प्रतिस्पर्धी दरों पर इनकी पेशकश करती हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका आने वाले दिनों में भारत में बनने वाली जेनेरिक दवाओं पर शुल्क लगाता भी है, तो दीर्घावधि में इन दवाओं के निर्यात पर खास फर्क नहीं पड़ेगा।
भाषा हर्ष जितेंद्र अनुराग
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