नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में पंजीकृत कंपनियों को शेयर और अन्य प्रतिभूतियों के निर्गम पर शेयर मूल्य का 0.1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क अदा करना अनिवार्य है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के स्टाम्प कलेक्टर ने एनएसडीएल और सीडीएसएल को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे दिल्ली के लिए लागू स्टाम्प शुल्क दर से कम राशि न वसूलें।
शेयर प्रमाणपत्र पर स्टाम्प शुल्क के भुगतान के लिए स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) के पोर्टल के जरिये पहले ही एक व्यवस्था लागू की जा चुकी है। इस भुगतान के प्रमाण के रूप में स्टाम्प कलेक्टर कार्यालय से प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं।
राजस्व विभाग के हाल में जारी परिपत्र के मुताबिक, दिल्ली स्थित कंपनियों के शेयर निर्गम पर स्टाम्प शुल्क का भुगतान भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची आईए के तहत देय है।
परिपत्र में कहा गया है कि एनसीटी दिल्ली में गठित या पंजीकृत कार्यालय वाली सभी कंपनियों के लिए स्टाम्प शुल्क की दर 0.1 प्रतिशत होगी।
परिपत्र में सभी सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे शेयर निर्गम के लिए स्टाम्प शुल्क के निपटान को आवेदन करें, चाहे प्रमाणपत्र भौतिक या डिजिटल (डिमैट) रूप में हों।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में एनएसडीएल और सीडीएसएल 0.005 प्रतिशत की दर से स्टाम्प शुल्क वसूल रहे हैं लेकिन दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि इसका कोई वैध आदेश उन्हें नहीं दिया गया है।
राजस्व विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि स्टाम्प शुल्क का समय पर भुगतान न करना दंड और ब्याज सहित कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकता है। भुगतान में देरी से सरकारी खजाने को प्रत्यक्ष वित्तीय नुकसान होता है।
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