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Friday, 15 August, 2025
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स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत 40,700 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया

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नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) सरकार की प्रमुख ‘स्टैंड-अप इंडिया’ योजना के तहत 1.8 लाख से अधिक खातों में 40,710 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी गई है। यह योजना आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन पर केंद्रित है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में योजना की शुरुआत के बाद से लगभग 80 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को दिया गया है।

यह योजना पांच अप्रैल, 2016 को महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणियों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इसके तहत उन्हें विनिर्माण, सेवा या व्यापार और कृषि से जुड़ी गतिविधियों में नया उद्यम शुरू करने के लिए कर्ज दिया जाता है।

पहले साल 3,683 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए। यह आंकड़ा 31 मार्च, 2023 तक बढ़कर 40,710 करोड़ रुपये हो गया है।

योजना के तहत महिलाओं के 1.44 लाख खातों में 33,152.43 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी गई। इसी तरह एससी को 26,889 खातों में 5,625.5 करोड़ रुपये के ऋण और एसटी को 8,960 खातों में 1,932 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए।

इस योजना को 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘स्टैंड अप इंडिया’ अभियान के सात साल पूरे होने पर इसकी सराहना की और कहा कि इस पहल ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदायों तथा महिलाओं को सशक्त बनाने में भूमिका निभाई है।

मोदी ने कहा, ‘‘आज हम स्टैंड अप इंडिया अभियान की शुरुआत का सातवां साल मना रहे हैं और एससी/एसटी समुदायों को सशक्त बनाने तथा महिला सशक्तीकरण सुनिश्चित करने में इस पहल की भूमिका को स्वीकार करते हैं। इसने लोगों में उद्यम की भावना को भी बढ़ावा दिया है।’’

इस योजना से जुड़ने के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा विकसित ऑनलाइन पोर्टल ‘स्टैंडअप मित्र डॉट इन’ पर जानकारी हासिल की जा सकती है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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