हंसलपुर (गुजरात), 26 अगस्त (भाषा) मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने मंगलवार को कहा कि लिथियम की आपूर्ति के लिए चीन पर अत्यधिक निर्भरता के कारण जोखिम की स्थिति बनी हुई है जो निवेशकों को भारत में बैटरी सेल विनिर्माण में बड़े पैमाने पर निवेश करने से रोक रहा है।
मारुति सुजुकी इंडिया के पहले इलेक्ट्रिक वाहन ई-विटारा के 100 देशों में निर्यात की शुरुआत और यहां अपने संयंत्र में मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम आयन बैटरी सेल के उत्पादन के उद्घाटन से इतर भार्गव ने उम्मीद जताई कि भारतीय वैज्ञानिक ऐसी प्रौद्योगिकियां विकसित करने में सक्षम होंगे जो बाहरी आपूर्ति पर निर्भरता को हल कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी तक ईवी बैटरियां नहीं बनाते…भारत में कोई भी बैटरी सेल नहीं बना रहा है। आज इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की एक समस्या यह है कि लोग सेल को बैटरियों में पैक कर रहे हैं लेकिन सेल का वास्तविक उत्पादन (भारत में) नहीं हो रहा है।’’
भार्गव ने जोर देकर कहा कि बैटरी सेल के उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित करना ‘‘ एक बहुत ही पूंजी-प्रधान प्रस्ताव है।’’
उद्योग के अनुमानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक बैटरी संयंत्र स्थापित करने में करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कच्चा माल (लिथियम) एक समस्या है। यदि मैं कोई संयंत्र लगाता हूं और मुझे कच्चा माल उपलब्ध नहीं होता तो एक निवेशक के रूप में मेरा जोखिम क्या होगा… खासकर यदि कच्चे माल पर एक ही आपूर्तिकर्ता का नियंत्रण हो?’’
भार्गव ने कहा कि ‘‘ जोखिम बहुत अधिक है, संभवतः यही एक कारण है जिसके कारण लोग भारत में बैटरी विनिर्माण में निवेश करने से दूर रह रहे हैं।’’
भार्गव ने कहा, ‘‘ आपूर्तिकर्ता के मनमाने निर्णय से मैं स्वयं को कैसे बचा सकता हूं?’’
अन्य कंपनियों के साथ साझेदारी से समस्या हल होने के सवाल पर भार्गव ने कहा, ‘‘ या तो आप किसी चीन की कंपनी के साथ साझेदारी करें…उन्हें इसमें बहुमत दें और उन्हें स्थापित होने दें और वे आपको कच्चे माल की आपूर्ति का आश्वासन दें लेकिन अभी तक किसी ने ऐसा नहीं किया है। ’’
मारुति सुजुकी की अनुषंगी कंपनी टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (टीडीएसजी) लिथियम-आयन बैटरी सेल का इलेक्ट्रोड-स्तरीय स्थानीयकरण हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है।
इसने यहां स्थित संयंत्र में एक मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन के लिए पहली लिथियम-आयन बैटरी, सेल और इलेक्ट्रोड का विनिर्माण शुरू कर दिया है।
टीडीएसजी ने 2021 में माइल्ड हाइब्रिड वाहनों के लिए बैटरियों का उत्पादन शुरू किया और तब से अबतक कुल 10 लाख से अधिक वाहनों के लिए बैटरी पैक का उत्पादन कर चुका है। इसने कुल 4,267 करोड़ रुपये का निवेश किया है और प्रति वर्ष 1.2 करोड़ बैटरी के विस्तार की योजना बनाई है।
भाषा निहारिका अजय
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