नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) भारतीय चावल निर्यातक महासंघ ने सोमवार को कहा कि एक प्रमुख चावल आयातक देश के प्रतिबंध हटाने से अनाज के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (आईआरईएफ) के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा कि एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजार ने चावल के आयात पर चार महीने से लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है।
गर्ग ने कहा, ‘‘यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाजार भारतीय चावल का एक प्रमुख आयातक है, जिसका वार्षिक आयात 1,000,000 टन से अधिक है, और प्रतिबंध हटने से हमारे निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे भारत के व्यापार विकल्प बढ़ेंगे और हमें नए और रोमांचक तरीकों से नए बाजारों में विविधता लाने का मौका मिलेगा।’’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने घरेलू कीमतों को कम करने के लिए चावल के आयात पर चार महीने से लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है।
गर्ग ने कहा, ‘‘भारत वर्तमान में वैश्विक चावल व्यापार में 45 प्रतिशत से अधिक की आपूर्ति करता है, और सही समर्थन और दूरदर्शिता के साथ, हम अपनी वैश्विक हिस्सेदारी को 55 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं, जिससे यह चुनौती विकास के अवसर में बदल सकती है।’’
एसोसिएशन ने हाल ही में कहा कि चावल सहित भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 25 प्रतिशत शुल्क इस क्षेत्र के लिए एक ‘अस्थायी बाधा’ है, न कि कोई बड़ी बाधा। वर्ष 2023-24 में अमेरिका को भारतीय चावल का निर्यात लगभग 2.34 लाख टन रहा।
आईआरईएफ निर्यातकों और मिल मालिकों सहित 7,500 से अधिक चावल उद्योग अंशधारकों का प्रतिनिधित्व करता है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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