नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) सरकार ने मंगलवार को देश के महत्वपूर्ण खनिज भंडारों की खोज के लिए लाइसेंस व्यवस्था की बदलावकारी क्षमता पर प्रकाश डाला।
खान मंत्रालय ने अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) व्यवस्था और अन्वेषण लाइसेंस ब्लॉक की पहले चरण की नीलामी पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला और रोडशो का आयोजन किया।
खान मंत्रालय के सचिव वी एल कांता राव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि यह नीति खनिज भंडारों के निष्क्रिय स्वामित्व से सक्रिय खोज की दिशा में बदलाव का प्रतीक है।
राव ने कहा कि यह नीति निजी संस्थाओं को लिथियम, सोना, हीरा और प्लैटिनम समूह तत्वों जैसे खनिजों के लिए बड़े पैमाने पर प्रारंभिक चरण की खोज करने के लिए सशक्त बनाती है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि विभाग के अतिरिक्त सचिव संजय लोहिया ने प्रतिस्पर्धी, प्रौद्योगिकी-संचालित और निवेश-अनुकूल खोज पारिस्थितिकी को सक्षम करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण की पुष्टि की।
लोहिया ने सार्वजनिक और निजी कंपनियों के बीच सहयोग की जरूरत पर बल दिया और सभी हितधारकों से नीलामी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
सरकार ने पिछले महीने 13 खनिज खोज लाइसेंस ब्लॉकों की नीलामी शुरू की थी, जिसमें दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई), जस्ता, हीरा और तांबा जैसे महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं।
एमएमडीआर संशोधन अधिनियम, 2023 के लागू होने के साथ लिथियम, तांबा, कोबाल्ट, सोना और चांदी सहित 29 महत्वपूर्ण और गहरे खनिजों की जांच में निजी भागीदारी की अनुमति देने के लिए इन लाइसेंस की पेशकश की गई थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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