मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) अगले महीने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रही भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) न सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों की सबसे बड़ी धारक है बल्कि वह इक्विटी की सबसे बड़ी इकलौती मालिक और सबसे बड़ी फंड प्रबंधक होने के साथ पारिवारिक बचत की सबसे बड़ी धारक भी है।
स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी के पास कुल 80.7 लाख करोड़ रुपये की अपरिपक्व सरकारी प्रतिभूतियों का करीब 17 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक भी सरकारी प्रतिभूतियों के मामले में एलआईसी के बाद दूसरे स्थान पर ही आता है। बाकी बीमा कंपनियों की इसमें हिस्सेदारी संयुक्त रूप से सिर्फ पांच प्रतिशत ही है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का सरकारी प्रतिभूति स्वामित्व मार्च 2019 में सबसे ज्यादा रहा था जब उसके पास 20.6 फीसदी प्रतिभूतियां थीं।
यूबीएस की रिपोर्ट कहती है कि कुल प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 520 अरब डॉलर हैं और एलआईसी करीब तीन लाख करोड़ डॉलर के इक्विटी बाजार में सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक है।
इसके अलावा एलआईसी के पास घरेलू संस्थागत इक्विटी एयूएम में सबसे बड़ी हिस्सेदारी भी है। यह देश में सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड के आधे से भी अधिक है।
इक्विटी बाजार में भी एलआईसी की हिस्सेदारी करीब चार फीसदी है। इस तरह सरकार के बाद यह अकेली सबसे बड़ी हितधारक है।
एलआईसी के पास दिसंबर 2021 में आरआईएल में 10 प्रतिशत, टीसीएस, इंफोसिस एवं आईटीसी में पांच-पांच प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी और एसबीआई में चार-चार प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भाषा
प्रेम रमण
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