नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) अर्थव्यवस्था के उदारीकरण और क्षेत्र के नियामक द्वारा निरंतर प्रयासों ने भारतीय बीमा क्षेत्र को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एन एस कन्नन ने सोमवार को 19वें भारत-अमेरिका आर्थिक शिखर सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि पिछले छह दशक में बीमा आमतौर पर भारत में एक बचत साधन के रूप में बेचा जा रहा है, हालांकि इसने इस क्षेत्र को प्रेरित किया है।
उन्होंने सम्मेलन में कारोबार सुगमता के मामले में भारत का रुख रखते हुए कहा कि उदारीकरण के बाद बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को 2015 में 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत और 2021 में 74 प्रतिशत कर दिया गया था।
कन्नन ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह एक अच्छा कदम है। एक तरफ यह एक नपा-तुला कदम है और दूसरी तरफ 74 प्रतिशत एक अच्छा आंकड़ा है। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के नजरिये से…. विदेशी निवेशकों को भारतीय बीमा उद्योग को अनुकूल दृष्टि से देखना चाहिए और अधिक निवेश करना चाहिए।’’
गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था में उदारीकरण का निर्णय जहां सरकार का था, वहीं विदेशी निवेशकों के लिए उद्योग को आकर्षक बनाने के लिए क्षेत्रीय नियामक भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने भी पिछले कुछ वर्षों में कई कदम उठाये हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र ने वित्तीय संकट को दूसरों की तुलना में बेहतर तरीके से झेला और बीमा क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का स्तर कुछ भी नहीं है।
भाषा जतिन अजय
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