नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की कर्ज में डूबी अनुषंगी कंपनी रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के ऋणदाता एकबारगी ऋण निपटान (ओटीएस) के प्रस्ताव पर विचार करने को सहमत हो गए हैं।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) आरईएल ने बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि आरएफएल ने अपने पूर्व प्रवर्तकों द्वारा छोड़े गए कई मसलों का निपटारा कर लिया है। इसमें भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के साथ समझौता करना और कर्ज-मुक्त होना शामिल है।
आरईएल ने कहा कि आरएफएल को अपने प्रमुख ऋणदाता से 31 मई, 2022 को एक संदेश मिला है। इसमें कहा गया है कि 20 मई, 2022 को हुई एक बैठक में ऋणदाता….आरएफएल के प्रस्ताव पर विचार करने के साथ इसे अपने संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखने पर सहमत हो गए हैं।
कंपनी ने कहा कि आरएफएल अपने पूर्ववर्ती प्रवर्तकों द्वारा धन की हेराफेरी का शिकार हुई है और उसने धन की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने के साथ पुनरुद्धार की दिशा में बढ़ना शुरू कर दिया है।
आरईएल की चेयरपर्सन रश्मी सलूजा ने कहा कि ऋण निपटान के प्रस्ताव के पूरा होने के साथ पिछले सभी मुद्दों का निपटान हो जाएगा और रेलिगेयर समूह सभी तरह की वित्तीय सेवाएं प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कमजोर वित्तीय हालत के कारण जनवरी 2018 से सुधारात्मक कार्रवाई योजना (सीएपी) के तहत आरएफएल पर नया कारोबार शुरू करने की रोक लगा दी थी।
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