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Sunday, 16 June, 2024
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चमड़ा निर्यातकों की निवेश जुटाने, रोजगार सृजन, निर्यात बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय नीति की मांग

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) चमड़ा और फुटवियर निर्यातकों के शीर्ष निकाय सीएलई ने सरकार से निवेश जुटाने, निर्यात खेप को बढ़ाने और रोजगार सृजन के उद्देश्य से इस क्षेत्र के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार करने की मांग की है।

चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) ने नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र और राज्यों के स्तर पर योजनाएं और समर्थन उपाय होने के बावजूद राष्ट्रीय नीति के माध्यम से पूरे क्षेत्र के समग्र विकास की जरूरत है।

इसने कहा कि प्रस्तावित नीति के घटकों में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन, श्रमिकों का प्रशिक्षण, टिकाऊ प्रौद्योगिकियों और नवाचारी उत्पादों को अपनाने के लिए समर्थन उपाय शामिल हो सकते हैं।

परिषद ने कहा, ‘‘इस नीति में प्रसंस्करण, उत्पाद विकास, विपणन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और पीछे के कामकाज का सुदृढ़ीकरण सहित कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक क्षेत्र की समूची आपूर्ति श्रृंखला को शामिल किया जाना चाहिए।’’

सीएलई के कार्यकारी निदेशक आर सेल्वम ने कहा कि चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्र को एक राष्ट्रीय नीति की जरूरत है क्योंकि यह एक श्रम-बहुल क्षेत्र है। इसमें लगभग 44 लाख लोग कार्यरत हैं, जिनमें 85 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।

सेल्वम ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक लाभ बहुत बड़ा है। यह नीति उद्योग को निर्यात बढ़ाने और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करने में मदद करेगी।’’

परिषद ने सरकार से फुटवियर और चमड़ा उद्योग की संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला और मशीनरी खंड के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को लागू करने के लिए कहा।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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