बेंगलुरु, 25 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार धन उधारी कारोबार से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी और वास्तविक उधारकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नया कानून लाएगी।
कर्ज लेने वालों से वसूली के लिए सूक्ष्म वित्त कंपनियों द्वारा कथित उत्पीड़न के खिलाफ जनता के आक्रोश के मद्देनजर, सिद्धरमैया ने उप-मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा, गृह मंत्री जी परमेश्वर, कानून मंत्री एच के पाटिल, वरिष्ठ सरकारी और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर सूक्ष्म वित्त कंपनियों के संगठन के प्रतिनिधि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के क्षेत्रीय अधिकारी तथा नाबार्ड के अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सूक्ष्म वित्त कंपनियों के साथ ही आरबीआई के अधिकारियों की भी राय ली।
सिद्धरमैया ने कहा, “उनकी राय जानने के बाद हमने उनसे कहा कि हम यह नहीं कहेंगे कि कर्ज न दें या कर्जदारों से पैसा वसूल न करें, लेकिन पैसा वसूलते समय आपको लोगों को प्रताड़ित और परेशान नहीं करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि धन वसूली करते समय सूक्ष्म वित्त संस्थानों को आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। केंद्रीय बैंक को भी इन दिशानिर्देशों के उल्लंघन की निगरानी करनी चाहिए।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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