भद्रवाह, छह मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत लैवेंडर की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके लिए सरकार, सेना और अन्य संस्थान आगे आए हैं।
केंद्र सरकार ने लैवेंडर को ‘डोडा ब्रांड उत्पाद’ का दर्जा दिया है। इससे एरोमा मिशन के तहत इसकी उपज से जुड़े कृषि स्टार्ट-अप, उद्यमियों और किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
स्टार्टअप को मदद देने के लिए भद्रवाह स्थित राष्ट्रीय राइफल्स की इकाई ने द्राधु गांव में लैवेंडर नर्सरी को प्रायोजित किया है। नई बस्ती कस्बे में लैवेंडर के सह-उत्पादों की इकाई को पूरी तरह से वित्त पोषित किया गया है जहां महिलाकर्मियों को इस पौधे से साबुन, अगरबत्ती, परफ्यूम, हैंडवॉश और रूम फ्रेशनर बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
भद्रवाह स्थित राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के कमांडिग ऑफिसर कर्नल रजत परमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘औषधीय गुणों से भरपूर और सुगंधित पौधों से भरा यह क्षेत्र नए, युवा, नवोन्मेषी उद्यमियों के लिए अवसरों की खान है।’’
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसीन (सीएसआईआर-आईआईआईएम) जम्मू ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’ पहल के तहत किसानों को आठ लाख पौधे वितरित किए हैं। सितंबर तक भद्रवाह में 50 लाख अतिरिक्त पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है।
नोडल वैज्ञानिक सीएसआईआर अरोमा मिशन, सुमित गैरोला ने कहा, ‘‘अगले दो से तीन वर्ष में हमें उत्पादन पांच गुना बढ़ने की आशा है जिससे कृषि उद्यमी तैयार होंगे और यह लैवेंडर को डोडा के ब्रांड के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा।’’
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मानसी प्रेम
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