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मंगलवार, 27 मई, 2025
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आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तक बढ़ी

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नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

समयसीमा में विस्तार उन व्यक्तियों, हिंदु अविभाजित परिवार और संस्थाओं पर लागू होता है जिन्हें अपने खातों का ऑडिट करवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अब 2024-25 (अप्रैल-मार्च) वित्त वर्ष में अर्जित आय के लिए अपना कर रिटर्न 15 सितंबर तक दाखिल कर सकते हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा, अधिसूचित आईटीआर में किए गए व्यापक बदलावों तथा आकलन वर्ष 2025-26 के लिए प्रणाली की तैयारी एवं आईटीआर सुविधाओं के जारी होने के लिए आवश्यक समय को देखते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख बढ़ा दी गई है।

इस साल, आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर फॉर्म अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में अधिसूचित किए गए थे।

आमतौर पर, आईटीआर फॉर्म वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले फरवरी/मार्च के आसपास अधिसूचित किए जाते हैं। हालांकि, इस बार आईटीआर फॉर्म और दस्तावेज दाखिल करने की सुविधा में देरी हुई क्योंकि राजस्व विभाग के अधिकारी नए आयकर विधेयक में व्यस्त थे जिसे फरवरी में संसद में पेश किया गया था।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘ करदाताओं के लिए दस्तावेज दाखिल करने के अनुभव को सुचारू एवं सुविधाजनक बनाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि जो मूल रूप से 31 जुलाई थी उसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है।’’

आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अधिसूचित आईटीआर में ‘संरचनात्मक और पाठ संबंधी संशोधन’ किए गए हैं, जिसका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना और सटीक रिपोर्टिंग को सक्षम बनाना है।

बयान में कहा गया कि इन बदलावों के कारण संबंधित सुविधाओं के लिए प्रणाली में संशोधन, एकीकरण और परीक्षण के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।

इस बारे में टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी में भागीदार विवेक जालान ने कहा, ‘‘ करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 सितंबर करना एक स्वागत योग्य कदम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, 31 जुलाई की समयसीमा से हर साल एक बड़ी परेशानी होती है। हर साल आईटीआर संरचना में बदलाव होते हैं, जिसका मतलब है कि इसे प्रकाशित होने में समय लगता है। हर साल टीडीएस/टीसीएस क्रेडिट 15 जून तक दिखाई देते हैं, जिसका मतलब है कि ऐसे आईटीआर दाखिल करने के लिए प्रभावी रूप से केवल 1.5 महीने ही उपलब्ध हैं।’’

ईवाई इंडिया के भागीदार सोनू अय्यर ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए अधिसूचित आईटीआर फॉर्म में वित्त अधिनियम 2024 के संशोधनों को शामिल किया गया है और इसमें दावा की जा रही कटौतियों से संबंधित रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को बढ़ाया गया है।’’

उन्होंने कहा कि नए आईटीआर फॉर्म की आवश्यकताओं को देखते हुए, ई-फाइलिंग सुविधा (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) को सरकार द्वारा अद्यतन करने की जरूरत है। इसलिए, आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए सरकार का यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है।

एकेएम ग्लोबल के भागीदार (कर) संदीप सहगल ने कहा, ‘‘पूंजीगत लाभ, विदेशी आय और परिसंपत्ति स्वामित्व के अधिक विस्तृत खुलासे सहित संशोधित आईटीआर फॉर्म में जटिलता और बढ़ी हुई रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को देखते हुए, आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में विस्तार करदाताओं को बहुत जरूरी राहत देगा।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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