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Sunday, 29 September, 2024
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श्रमिक संगठनों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, बैंकों एवं परिवहन पर असर

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नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बुलाई गई केंद्रीय श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवाएं एवं सार्वजनिक परिवहन आंशिक रूप से ठप होने से सामान्य जनजीवन पर असर देखा जा रहा है।

श्रमिक संगठन एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि लगभग सभी क्षेत्रों के कर्मचारी एवं कामगार इस हड़ताल का हिस्सा बने हैं और ग्रामीण इलाकों में भी इसे खासा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अब अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कर्मचारी भी इसमें शामिल हो गए हैं।

उन्होंने हड़ताल के पहले दिन 20 करोड़ से अधिक कर्मचारियों की भागीदारी का दावा करते हुए कहा कि दूसरे दिन इस संख्या में और बढ़ोतरी होगी।

देश भर के केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया हुआ है। यह हड़ताल कर्मचारियों, किसानों एवं आम आदमी के खिलाफ सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में बुलाई गई है।

इसके जरिये श्रमिक संगठनों ने श्रम कानूनों को वापस लेने, निजीकरण की किसी भी योजना को खारिज करने, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन को बंद करने, मनरेगा के तहत आवंटन बढ़ाने और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग प्रमुखता से रखी है।

इस हड़ताल को बैंकिंग कर्मचारी संगठनों का भी अच्छा समर्थन मिल रहा है। सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की योजना को ठंडे बस्ते में डालने की मांग कर रहे बैंकिंग कर्मचारी संगठन इसका हिस्सा बन रहे हैं। इससे कई राज्यों में बैंकिंग सेवाओं पर असर देखने को मिला है।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने से देश भर में करीब 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के 20 लाख चेकों का निस्तारण नहीं हो पाया।

भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) भी इस हड़ताल का हिस्सा है।

भाषा प्रेम प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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