नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) उर्वरक सहकारिता कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) कच्चे माल के तौर पर मक्के और टूटे चावल का उपयोग करके तीन एथनॉल विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए लगभग 1,100 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
इन तीनों संयंत्रों की क्षमता प्रतिदिन 250 किलोलीटर एथनॉल उत्पादन की होगी। ये संयंत्र गुजरात, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में स्थापित किए जा रहे हैं।
कृभको के चेयरमैन चंद्र पाल सिंह ने कहा, “हम अपनी विविधीकरण योजना के तहत तीन जैव एथनॉल संयंत्र स्थापित कर रहे हैं।”
कृभको के प्रबंध निदेशक राजन चौधरी ने कहा कि इन संयंत्रों का परिचालन 2024 के अंत तक शुरू होने की संभावना है।
चौधरी ने कहा, “हम ये तीन संयंत्र स्थापित करने के लिए लगभग 1,100 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं। हम कच्चे माल के रूप में मक्के और टूटे चावल का उपयोग कर रहे हैं।”
चौधरी ने कहा कि सहकारी समिति पेट्रोल में मिश्रण के लिए पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) को एथनॉल की आपूर्ति करेगी।
अभी पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 12 प्रतिशत है और 2025 तक इसे 20 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
कृभको ने गुजरात के हजीरा, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर और तेलंगाना के जगतियाल में तीन जैव एथनॉल परियोजनाएं स्थापित करने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली विशेष इकाई (एसपीवी) ‘कृभको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड’ का गठन किया है।
अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कृभको ने कहा है कि एसपीवी की तीनों परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी और ब्याज सहायता योजना के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की सैद्धान्तिक मंजूरी मिल गई है।
भाषा अनुराग अजय
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