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गुरूवार, 1 मई, 2025
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खांडसारी चीनी इकाइयों को अब चीनी नियंत्रण आदेश के दायरे में लाया जाएगा

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नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) सरकार ने गन्ना किसानों को उचित और लाभकारी कीमतों का भुगतान सुनिश्चित करने और चीनी उत्पादन का सटीक अनुमान लगाने में मदद करने के लिए खांडसारी बनाने वालों को चीनी नियंत्रण आदेश के तहत विनियमित करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की।

सरकार ने 500 टन प्रतिदिन पेराई क्षमता (टीसीडी) वाले खांडसारी चीनी विनिर्माताओं के विनियमन को जगह देने के लिए चीनी (नियंत्रण) आदेश, 1966 में संशोधन भी किया है।

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में संशोधित आदेश एक-दो दिन में ही अधिसूचित कर दिया जाएगा।

चीनी (नियंत्रण) आदेश, 2025 का उद्देश्य घरेलू स्थिरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा दोनों को बढ़ावा देते हुए चीनी की अधिक कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह परिवेश का निर्माण करना है।

चोपड़ा ने कहा, ‘इस संशोधन का उद्देश्य चीनी क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले नियामकीय ढांचे को वर्तमान उद्योग की गतिशीलता और प्रौद्योगिकी में आए बदलाव के अनुरूप सरल और कारगर बनाना है।’

वर्तमान में अनियमित खांडसारी चीनी उद्योग का उत्पादन बढ़ता रहा है। अब प्रतिदिन 500 टन से अधिक पेराई क्षमता वाली इकाइयों को चीनी नियंत्रण आदेश, 2025 के दायरे में लाया जाएगा।

खाद्य सचिव ने कहा कि इन इकाइयों को नियमन में लाने से यह सुनिश्चित हो पाएगा कि गन्ना किसानों को खांडसारी कारखानों से उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) प्राप्त हो।

खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा कि देश में लगभग 95,000 टन प्रतिदिन पेराई की कुल क्षमता वाली 373 खांडसारी इकाइयां संचालित हैं। इनमें से 66 इकाइयों की क्षमता 500 टीसीडी से अधिक है जिन्हें अब आदेश के तहत विनियमित किया जाएगा।

श्रीवास्तव ने कहा कि इन खांडसारी इकाइयों को राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) पर पंजीकरण कराना होगा जिसके लिए उन्हें दो महीने का समय मिलेगा।

मंत्रालय ने संशोधित नियंत्रण आदेश में कच्ची चीनी को भी शामिल किया है, ताकि इसे खांडसारी या जैविक चीनी जैसे भ्रामक नाम देकर न बेचा जा सके।

इस आदेश में गन्ने की खोई, गुड़, प्रेस मड केक और एथनॉल सहित विभिन्न उप-उत्पादों को भी शामिल किया गया है।

सचिव ने कहा, ‘इससे सरकार को घरेलू खपत के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चीनी का इस्तेमाल अन्य मदों में किए जाने को विनियमित करने में मदद मिलेगी।’

संशोधित आदेश में विभिन्न चीनी उत्पादों के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की परिभाषाएं अपनाई गई हैं और इसमें चीनी मूल्य विनियमन से संबंधित खंड शामिल हैं।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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