मुंबई, 20 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की हाल की बैठक में कहा था कि मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ करने से उभरती घरेलू और वैश्विक आर्थिक स्थितियों के जवाब में ‘नीति दर में कटौती, रोक या वृद्धि’ के लिए जरूरी लचीलापन मिलेगा।
चार-छह जून को हुई एमपीसी की बैठक के शुक्रवार को जारी ब्योरे से यह जानकारी सामने आई है।
एमपीसी ने इस बैठक में नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती करने का फैसला किया था। इस तरह रेपो दर में इस साल फरवरी से लेकर अबतक कुल कटौती बढ़कर एक प्रतिशत हो गई है।
इसके अलावा आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी ने मौद्रिक नीति के रुख को भी ‘उदार’ से संशोधित कर ‘तटस्थ’ करने का फैसला किया था।
बैठक के ब्योरे के मुताबिक, छह-सदस्यीय एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक में मल्होत्रा ने कहा, ‘मौद्रिक उपायों का यह पैकेज अनिश्चितता के समय में कुछ निश्चितता प्रदान करेगा और इससे वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।’
समिति के छह में से पांच सदस्यों ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के पक्ष में मत दिया जबकि बाहरी सदस्य सौगत भट्टाचार्य ने 0.25 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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