नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने फ्लिपकार्ट द्वारा वित्तपोषित एक शोध रिपोर्ट में एमएसएमई क्षेत्र के आकलन को लेकर भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) की कड़ी आलोचना की है।
आईआईएफटी दरअसल वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक क्षेत्र के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
‘ई-कॉमर्स मेजर, एसएसआई रिटेलर्स एंड इंडियन इकनॉमी’ शीर्षक वाली शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र को भारतीय खुदरा एमएसएमई क्षेत्र की धीमी वृद्धि के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, जैसा कि देश के व्यापारियों के संघों द्वारा बताया गया है।
कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘‘यह अजीब है कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय एक ऐसी कंपनी से धन ले रहा है जिस पर विभिन्न सरकारी संस्थानों द्वारा कदाचार का आरोप लगाया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज़ाहिर बात है कि निकाय उस कंपनी की ही वकालत करेगी जिसने अनुसंधान और रिपोर्ट को वित्तपोषित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि रिपोर्ट और कुछ नहीं बल्कि फ्लिपकार्ट को क्लीन चिट देने के लिए एक सुनियोजित दस्तावेज है, क्योंकि रिपोर्ट का वित्तपोषण फ्लिपकार्ट ने किया है।’’
भाषा जतिन अजय
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