बेंगलुरू: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट को निवेशकों की पूर्व सहमति के बिना अपनी डेट फंड योजनाओं को बंद करने से रोक दिया है.
उच्च न्यायालय ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन द्वारा योजनाओं को बंद करने के फैसले को चुनौती देने वाली निवेशकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को यह आदेश दिया. यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अशोक एस किन्गी की खंडपीठ कर रही थी.
निवेशकों ने जिन छह योजनाओं के खिलाफ याचिका दायर की हैं, वे योजनाएं ‘फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एकरुअल फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम ऑपर्च्यूनिटी फंड’ हैं.
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि योजनाओं को सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार बंद किया जा रहा है.
हालांकि, न्यायालय कंपनी की इस दलील से सहमत नहीं हुआ और निवेश कंपनी को निर्देश दिया कि वह इस निर्णय पर बढ़ने से पहले निवेशकों की सहमति ले.