नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने सोमवार को कहा कि गुजरात के कांडला बंदरगाह ने जहाजों की भीड़भाड़ की समस्या का समाधान करने और खाद्य तेल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का संकल्प किया है।
यह आश्वासन उद्योग प्रतिनिधियों और कांडला बंदरगाह के चेयरमैन सुशील कुमार सिंह के बीच हुई बैठक के दौरान दिया गया। इसका बैठक का मकसद पाम तेल और अन्य खाद्य तेल के आयात को प्रभावित करने वाली बाधाओं के समाधान तलाशना था।
आईवीपीए ने बयान में कहा कि सिंह ने बुनियादी ढांचे में सुधार की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें नई 14 इंच की पाइपलाइन और समर्पित पाइपलाइन के साथ दो अतिरिक्त ‘बर्थ’ पर खाद्य तेल की आवाजाही संभालने की तैयारी शामिल है।
संघ ने कहा कि बंदरगाह प्राधिकरण ने जहाज को पुनः ‘बर्थिंग’ के लिए बाहरी लंगरगाह पर ले जाने के बजाय देरी से जहाज उतारने पर जुर्माना लगाने की अपनी मौजूदा प्रणाली को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की है, जिससे आयातकों का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा।
‘बर्थ’ का मतलब है बंदरगाह पर वह विशेष स्थान या जगह जहां जहाज को खड़ा किया जाता है और और सामान चढ़ाने या उतारने का काम किया जाता है।
सिंह ने जहाज के पहुंचने के बाद होने वाली देरी को कम करने के लिए बंदरगाह अधिकारियों और आयातकों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। जहाज एजेंट से आग्रह किया गया है कि वे जहाज के पहुंचने से पहले या दैनिक बैठकों के दौरान संभावित समस्याओं को चिन्हित करें।
कांडला बंदरगाह भारत के खाद्य तेल आयात विशेष रूप से पाम तेल के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है। इस सुविधा में हाल ही में काफी भीड़भाड़ देखी गई है, जिसमें इंडोनेशियाई कच्चे पाम तेल को ले जाने वाले कई जहाज ‘बर्थ’ उपलब्ध होने के कारण पंक्तियों में खड़े दिखे।
भाषा निहारिका अजय
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