कोलकाता, तीन फरवरी (भाषा) जूट बेलर्स ने सरकार से उस आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है, जिसमें उन्हें अपने स्टॉक की सीमा को प्रति गोदाम 750 क्विंटल तक कम करने को कहा गया है। जूट गांठ निर्माताओं का कहना है कि यह उद्योग के संकट को हल नहीं करेगा।
मिलों को आपूर्ति बढ़ाने के लिए जूट आयुक्त ने हाल ही में बेलरों (जूट गांठ निर्माताओं) को प्रत्येक गोदाम में अधिकतम 750 क्विंटल गोल्डन फाइबर स्टॉक करने की अनुमति दी थी।
बेलर्स ने कहा कि यह मात्रा पिछली अनुमति योग्य सीमा का 50 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि एक एकल गोदाम लागत-साझाकरण के आधार पर कई बेलर द्वारा चलाया और संचालित किया जाता है।
जूट बेलर्स एसोसिएशन ने जूट आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, ‘‘… एक गोदाम में विभिन्न जूट गांठ निर्माताओं के लिए 750 क्विंटल की संयुक्त स्टॉक सीमा बहुत कम है।’’
पत्र में कहा गया है कि नेपाल द्वारा उत्तरी बंगाल से कच्चे जूट की खरीद से कीमतें प्रभावित हो रही हैं।
इस बीच, उद्योग के सूत्रों ने कहा कि जूट क्षेत्र के विकास के लिए हाल ही में 115 करोड़ रुपये का बजट आवंटन ‘मामूली’ है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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