नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय, डेटा केंद्रों की ऊर्जा जरूरतों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए बिजली मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है।
आईटी सचिव एस कृष्णन ने शनिवार को वैश्विक प्रौद्योगिकी सम्मेलन में कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) के विकास से पहले भी, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि के लिए डेटा सेंटर स्थापित करने का बहुत दबाव रहा है और साथ ही ऐसे अधिक सेंटर स्थापित करने का बहुत विरोध भी हुआ, क्योंकि वे बहुत अधिक बिजली की खपत करते हैं, जबकि ज्यादा रोजगार प्रदान नहीं करते।
कृष्णन ने कहा, “मुझे लगता है कि यदि आपको प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है, तो यह (डेटा सेंटर की स्थापना) कुछ ऐसा है जो अभी किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें इसे करने के तरीके खोजने होंगे। समाधान हैं, प्रौद्योगिकी समाधान हैं जिन पर काम किया जा सकता है… और मेरा मंत्रालय इस मुद्दे को सुलझाने के लिए विद्युत मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के साथ परामर्श कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि भारत के पास बहुत अधिक हरित ऊर्जा होने के मामले में लाभ है, लेकिन हरित ऊर्जा हर समय उपलब्ध नहीं रहती।
उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के भंडारण के तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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