मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) नियंत्रित किया जा सकता है, क्योंकि देश सेवा निर्यात में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के आयात के आंकड़े, निर्यात से जुड़े हैं, क्योंकि ज्यादातर आयातित सामान मूल्य वर्धन के बाद वापस भेज दिया जाता है।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमारा सेवा निर्यात उल्लेखनीय है। इसमें अधिशेष लगातार बढ़ रहा है। इसलिए यदि मेरा व्यापार घाटा 250-300 अरब डॉलर है, तो इसमें से लगभग 175-200 अरब डॉलर सेवा निर्यात से पूरा हो जाता है। इसलिए शुद्ध कैड अब भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के एक प्रतिशत की श्रेणी में है, जो मुझे नहीं लगता कि इतना गंभीर मामला है कि इसपर चिंता की जाए।’’
अप्रैल-जून 2024 में देश का चालू खाते का घाटा मामूली रूप से बढ़कर 9.7 अरब अमेरिकी डॉलर या जीडीपी का 1.1 प्रतिशत हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 8.9 अरब डॉलर या एक प्रतिशत था।
चालू खाता घाटा तब होता है, जब किसी विशेष अवधि में किसी देश द्वारा आयातित वस्तुओं और सेवाओं तथा अन्य भुगतानों का मूल्य, वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात और अन्य प्राप्तियों के मूल्य से अधिक होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बहुत से आयात सीधे हमारे निर्यात से जुड़े हुए हैं।’’ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि भारत 30 अरब अमेरिकी डॉलर के रत्न और आभूषण आयात कर रहा है, तो यह सीधे मूल्यवर्धन कर रहा है और लगभग 37 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत केवल 3-4 चीजों के लिए आयात पर निर्भर है – खाद्य तेल, कच्चा तेल, भारत में बनने वाले इस्पात के लिए जरूरी कोकिंग कोयला, और बंदरगाह आधारित कोयला संयंत्रों के लिए तापीय कोयला।
गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स खुदरा कारोबार के लिए देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंड स्पष्ट हैं और इस क्षेत्र की कंपनियों को कानून का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में देश का कानून बहुत स्पष्ट है… मैं बार-बार इस विषय पर बात कर रहा हूं कि प्रत्येक ई-कॉमर्स कंपनी को कानून की भाषा और उसकी भावना, दोनों का सम्मान करना चाहिए।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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