नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने बृहस्पतिवार को कहा कि निचले तबके के उपभोक्ताओं को जोखिम भरे दोपहिया वाहनों की जगह यात्री कारों का विकल्प देने के लिए कम कर स्लैब वाली छोटी कारें पेश करने की जरूरत है।
भार्गव ने यहां कंपनी की 44वीं वार्षिक आम बैठक में कहा कि शुरुआती स्तर पर पेश की जाने वाली कारों की कीमतें बढ़ जाने से कई लोग अब इन्हें खरीद नहीं पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘आज बहुत सारे लोग दोपहिया वाहन से यात्रा करते हैं। ये वाहन जोखिम से भरपूर होते हैं और पूरी तरह आरामदायक भी नहीं होते। इसलिए स्कूटर चलाने वालों के लिए हमें ऐसी छोटी कारें लाने पर विचार करना चाहिए, जो सुरक्षित हों और उनके लिए एक बेहतर विकल्प बन सकें।’
भार्गव ने कहा कि 1950 के दशक में जापान ने केई कारें पेशकर इसी तरह की समस्या का समाधान किया था।
उन्होंने कहा कि ये कारें छोटी होती हैं, इनमें सुरक्षा नियम कम होते हैं और इन पर अन्य कारों की तुलना में कर भी कम लगता है।
छोटी कारों की कीमतों में वृद्धि के कारणों पर विस्तार से बताते हुए भार्गव ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में यह निर्णय लिया गया था कि भारत में यूरोपीय सुरक्षा एवं उत्सर्जन मानकों को लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि छोटी कारों की बिक्री में गिरावट आई और फिर कार उद्योग में समग्र नरमी देखने को मिली है।’’
उन्होंने कहा कि निचले तबके के कई लोग, जो दोपहिया वाहन खरीद रहे हैं और उनका उपयोग कर रहे हैं, वे अधिक कीमत वाली सुरक्षित कारें खरीदने में असमर्थ हैं।
भार्गव ने कहा, ‘हमारा मानना है कि हमें इस स्थिति को इस तरह संतुलित करने की जरूरत है कि दोपहिया वाहन चलाने वाले लोग सुरक्षित कारों की तरफ जा सकें, क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से दोपहिया वाहन सबसे अधिक जोखिम भरे होते हैं।’
उन्होंने कहा कि छोटी कार खंड के पुनरुद्धार से कार उद्योग की समग्र वृद्धि तेजी से हो सकती है।
भार्गव ने कहा, ‘छोटी कारों को बढ़ावा देने पर ज्यादा उद्योग लगेंगे और रोजगार के ज्यादा मौके बनेंगे। मुझे लगता है कि इन सब की जरूरत है, खासकर ऐसे समय में जब बाकी क्षेत्रों में ‘हुनरमंद लोगों की कमी’ जैसी परेशानियां सामने आ रही हैं। हमें पूरे भारत की स्थिति को बेहतर बनाने में अपना योगदान देना होगा।’’
भाषा योगेश रमण प्रेम
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