नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच ‘मूनलाइटिंग’ के बढ़ते चलन ने उद्योग में एक नई बहस छेड़ दी है। इस प्रवृत्ति से कई कानूनी सवाल भी पैदा हुए हैं लेकिन कई लोगों का मानना है कि कर्मचारियों के कार्यस्थल पर लौटने के साथ इससे जु़ड़ी चिंताएं भी कम होंगी।
जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कोई अन्य काम भी करता है तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारे में जानकारी सामने आने के बाद नियोक्ता अब सूचनाओं और परिचालन मॉडल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपायों पर विचार करेंगे। खास तौर पर ऐसे मामलों में जहां कर्मचारी कार्यस्थल से दूर रहकर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनियां अपने रोजगार अनुबंधों को भी सख्त बना सकती हैं।
वहीं कुछ नियोक्ताओं का मानना है कि तकनीकी कर्मचारियों के काम पर वापस आने के बाद यह समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी की तरफ से मूनलाइटिंग का जिक्र किए जाने के बाद इस पर चर्चा बढ़ गई है। रिशद ने इसे नियोक्ता कंपनी के साथ धोखा बताया था।
टेक महिंद्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी पी गुरनानी ने हाल ही में एक ट्वीट में कहा कि समय के साथ बदलते रहना जरूरी है और ‘‘हम जिस तरह से काम करते हैं, उसमें व्यवधान का मैं स्वागत करता हूं।’’
आईटी उद्योग के दिग्गज और इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि प्रौद्योगिकी उद्योग में शुरुआती दौर में कम वेतन होना मूनलाइटिंग की एक वजह है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान सब कुछ डिजिटल हो गया और गिग रोजगार अवसरों में भी वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप लोगों को अच्छी तरह से भुगतान नहीं करते हैं, और वे अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो यह अच्छी कमाई का आसान तरीका है। लोगों को लगता है कि अब तकनीक उपलब्ध है… डॉलर में बहुत अच्छा भुगतान मिलता है, मैं और अधिक कमा सकता हूं।’’
पई का अनुमान है कि छह-आठ लोग मूनलाइटिंग कर रहे हैं, जबकि पहले यह अनुपात सिर्फ एक-दो प्रतिशत ही हुआ करता था।
वहीं, पुणे स्थित यूनियन नेसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) का कहना है कि किसी व्यक्ति द्वारा अपने निजी संसाधनों का उपयोग करके अपने समय में किया गया अतिरिक्त फ्रीलांस काम उचित है। इसके साथ ही इस संगठन का मानना है कि यदि कोई ऑफिस की कार्यावधि में ऐसा कर रहा है तो इसे अनुबंध का उल्लंघन कहा जा सकता है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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