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शनिवार, 7 जून, 2025
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इजराइल-हमास युद्ध से वैश्विक चुनौतियों में नई अनिश्चितताएं जुड़ीं : जोहो संस्थापक

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(मौमिता बख्शी चटर्जी)

बेंगलुरु, नौ अक्टूबर (भाषा) प्रौद्योगिकी कंपनी जोहो के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रीधर वेम्बू ने सोमवार को कहा कि मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच इजराइल-हमास युद्ध होने से अनिश्चितताएं बढ़ गई हैं। ऐसी स्थिति में कंपनियों को अब व्यवसाय के बुनियादी पहलुओं और वित्तीय समझदारी पर पहले से कहीं अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

वेम्बू ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में भारतीय बाजार को लेकर उत्साहित होने, कृत्रिम मेधा (एआई) की शक्ति से जुड़ी अपनी अपेक्षाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार गोपनीयता और सुरक्षा के लिए घेरा बनाते हुए तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में ‘सावधानीपूर्वक संतुलित कार्य’ कर रही है।

जोहो के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वित्तीय संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न कर्ज वृद्धि जैसी चुनौतियों ने उद्योग के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पहले से ही चुनौतीपूर्ण माहौल में इजराइल-हमास संघर्ष ने मुश्किलें अब और बढ़ा दी हैं।

वेम्बू ने कहा, “इन सबसे वैश्विक हालात काफी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं… और अब यह अनिश्चितता का एक नया स्तर जोड़ता है।”

उन्होंने इस संबंध में कहा, “भारत हमारे लिए बहुत उज्ज्वल स्थान रहा है। लेकिन क्योंकि हम सभी विश्व स्तर पर जुड़े हुए हैं, तेल की कीमतों के कारण यह (प्रभाव) होना ही है…, और अब आगे अनिश्चितता है।”

उन्होंने व्यवसायों को बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करने, ग्राहकों को प्राथमिकता देने और कर्ज से बचने की सलाह दी।

चेन्नई स्थित यूनिकॉर्न जोहो की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई है लेकिन वृद्धि का सिलसिला कायम है। उन्होंने कहा, “जोहो का राजस्व लगभग 1.2 अरब डॉलर है और अगले 10 साल में इसके 10 अरब डॉलर, शायद 20 अरब डॉलर भी पार करने की आकांक्षा है।”

वेम्बू ने कहा कि अगले दस साल में भारत जोहो के लिए शीर्ष बाज़ार बन जाएगा। जोहो के व्यवसाय के लिए भारत फिलहाल अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के बाजारों के बाद तीसरे स्थान पर है।

उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि तीन-चार साल में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। भारत 10 साल में हमारे लिए नंबर एक बाजार होगा।’

जोहो के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापक प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच इसकी वृद्धि दर में गिरावट आई है।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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