नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) उद्योग निकाय इस्मा ने खाद्य मंत्रालय से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) मौजूदा 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम करने का आग्रह किया है। इस्मा ने यह मांग उत्पादन लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए की है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने खाद्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र द्वारा निर्धारित उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का भुगतान करने के लिए चीनी का एमएसपी महत्वपूर्ण है।
एफआरपी वह न्यूनतम कीमत है जो मिलों को गन्ना किसानों को गन्ना खरीदने के लिए चुकानी पड़ती है।
इस्मा ने कहा कि मौजूदा समय में चीनी की अखिल भारतीय एक्स-मिल कीमतें लगभग 33-34 रुपये प्रति किलोग्राम हैं, जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में एक्स-मिल कीमतें लगभग 32-22 रुपये प्रति किलोग्राम से कम हैं।
झुनझुनवाला ने कहा, ‘‘…मौजूदा एक्स-मिल कीमतें मौजूदा एफआरपी पर लगभग 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम की उत्पादन लागत से काफी कम हैं। हम अनुरोध करते हैं कि गन्ने की एफआरपी के साथ चीनी के एमएसपी को जोड़कर चीनी के एमएसपी को लगभग 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ाया जा सकता है।’’
इस्मा ने कहा कि लगभग 85 प्रतिशत राजस्व चीनी की बिक्री से आता है और इसलिए मिलों के लिए गन्ना किसानों को एफआरपी का भुगतान करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है।
एसोसिएशन ने कहा कि केंद्र जून, 2018 से चीनी का एमएसपी तय कर रहा है, जिसे फरवरी 2019 में संशोधित कर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया था, जब गन्ने का एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विंटल था।
तब से अबतक गन्ने के एफआरपी में दो बार कुल 15 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की जा चुकी है, लेकिन एमएसपी नहीं बढ़ाया गया है। वर्ष 2021-22 के लिए एफआरपी 290 रुपये प्रति क्विंटल है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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