नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने बुधवार को कहा कि उसने संकट में फंसी जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के समक्ष दिवाला कायवाही के लिए आवेदन किया है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली इरेडा ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि 14 मई, 2025 को जेनसोल इंजीनियरिंग लि. के खिलाफ दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 की धारा सात के तहत एक आवेदन दायर किया गया है। जेनसोल इंजीनियरिंग सूचीबद्ध कंपनी है और उसे लगभग 510 करोड़ रुपये की चूक की है।
बाजार नियामक सेबी ने पिछले महीने एक अंतरिम आदेश में, कोष की हेराफेरी और संचालन में चूक मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और प्रवर्तकों… अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी… को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया था।
शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार, 12 मई को सेबी के अंतरिम आदेश के बाद जग्गी भाइयों ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।
इस बीच, जेनसोल इंजीनियरिंग ने बुधवार को कहा कि प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने उसकी अपील का निपटान कर दिया है। हालांकि, कंपनी को सेबी के अंतरिम आदेश पर अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दे दी है, जिसमें कंपनी और उसके प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित किया गया था।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि सैट के समक्ष उसके द्वारा दायर अपील का निपटारा कर दिया गया है। उसे दो सप्ताह के भीतर सेबी के अंतरिम आदेश पर अपना जवाब दाखिल करने का अवसर मिल गया है।
भाषा रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.