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सोमवार, 16 जून, 2025
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ईरान-इजराइल युद्ध: व्यापार पर असर पता करने के लिए सरकार इस सप्ताह विभिन्न पक्षों से मिलेगी

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नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) सरकार ईरान-इजराइल संघर्ष से पैदा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है, और देश के विदेशी व्यापार पर इसके असर का आकलन करने के लिए इस सप्ताह जलयान संचालकों, कंटेनर फर्मों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठक करेगी।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत के व्यापार पर युद्ध का प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि समय के साथ हालात कैसे बनते हैं।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ”हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हम सभी जलयान संचालकों, कंटेनर संगठनों और संबंधित विभागों तथा हितधारकों की एक बैठक (इस सप्ताह) भी बुला रहे हैं, ताकि उनसे समझा जा सके कि वे किस तरह के मुद्दों का सामना कर रहे हैं और हम इसे कैसे सुलझा सकते हैं।”

निर्यातकों ने कहा है कि अगर युद्ध आगे बढ़ता है, तो इससे विश्व व्यापार प्रभावित होगा और हवाई तथा समुद्री माल ढुलाई दरों में वृद्धि होगी।

उन्होंने आशंका जताई कि इस संघर्ष से होर्मुज जलडमरूमध्य और लाल सागर से व्यापारिक जहाजों की आवाजाही प्रभावित होने की आशंका है। भारत का लगभग दो-तिहाई कच्चा तेल और आधा एलएनजी आयात होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है, जिसे अब ईरान ने बंद करने की धमकी दी है।

शोध संस्थान जीटीआरआई के अनुसार होर्मुज जलडमरूमध्य में कोई भी व्यवधान तेल की कीमतों, पोत परिवहन लागत और बीमा प्रीमियम में तेजी से वृद्धि करेगा, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ेगी, रुपये पर दबाव पड़ेगा और भारत का राजकोषीय प्रबंधन जटिल हो जाएगा।

इस बीच, यमन में हूती सैन्य नेतृत्व पर 14-15 जून को इजराइल के हमले ने भी लाल सागर क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है, जहां हूती सेना पहले ही वाणिज्यिक पोत परिवहन पर हमला कर चुकी है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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