सिंगापुर, तीन अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एवं प्रोत्साहन एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया ने बुधवार को सिंगापुर की इन्फ्रास्ट्रक्चर एशिया के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस एमओयू के तहत दोनों पक्ष संयुक्त रूप से क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करने के लिए काम करेंगे।
गौरतलब है कि भारत अपनी 1,400 अरब डॉलर की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) को लागू कर रहा है, जिसके मद्देनजर यह एमओयू महत्वपूर्ण है।
एनआईपी का मकसद नागरिकों को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा मुहैया कराना और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
इन्वेस्ट इंडिया के उपाध्यक्ष राहुल अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह एमओयू क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करने के लिए है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह समझौता सिंगापुर और एशिया से सीखने के लिए है। वे हमसे भी सीख सकते हैं।’’
इन्फ्रास्ट्रक्चर एशिया सिंगापुर स्थित एक मंच है, जहां अवसंरचना क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्ष प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम वास्तव में सिंगापुर के पारिस्थितिकी तंत्र को भारत के साथ जोड़ने के लिए एक ‘पुल’ बन रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे और गहरा तथा व्यापक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। खासकर तकनीकी काम को बढ़ावा देकर ऐसा किया जा रहा है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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