(बिजय कुमार सिंह)
नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के चुनाव-पूर्व अंतरिम बजट को ‘राजकोषीय नजरिये से सूझ-बूझ’ वाला बताते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार वर्ष 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में सफल रहेगी।
सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए बुनियादी ढांचे पर 11.11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने और सुधारों को जारी रखने की घोषणा की। इस बजट में राजकोषीय मजबूती के लिए चुनाव से पहले लोकलुभावन उपायों के ऐलान से भी परहेज किया गया है।
बेरी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ”मुझे लगता है कि अंतरिम बजट राजकोषीय नजरिये से सूझ-बूझ वाला है। यह नया आधार तैयार करता है और जुलाई में पेश किए जाने वाले पूर्ण बजट के बारे में संकेत देता है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल के बजट का राजकोषीय परिणाम अनुमान से बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘हम 2025-26 के लिए 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं क्योंकि यह सार और संकेत दोनों ही नजरिये से अहम है।’
सरकार ने अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटे को अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत तक लाने की मंशा जताई है।
नीति आयोग उपाध्यक्ष ने कहा कि निजी निवेश दोबारा शुरू होने के कई संकेत दिख रहे हैं। अगले वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय पर उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई थी लिहाजा पूंजीगत व्यय पर जोर दिया जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि बजट में घोषित उपाय अधिक नौकरियां पैदा करने में किस तरह मददगार होंगे, उन्होंने कहा, ”मुद्दा नौकरी नहीं है, मुद्दा अच्छी नौकरियां हैं। भारत में नौकरियों के अनुरूप कर्मचारियों का मिलना मुश्किल हो रहा है।’
उन्होंने कहा कि भारत की कृषि उत्पादकता अपेक्षा से काफी कम है। हालांकि कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस बजट में कई घोषणाएं की गई हैं।
बेरी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों को जरूरी बताते हुए कहा कि प्रक्रियागत सुधार मुश्किल हैं जिनमें से कुछ को राज्यों के स्तर पर अंजाम देना है।’
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