नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) इंसेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड (आईआईएल) ने धान की फसल में लगातार खरपतवार की चुनौतियों से निपटने के लिए सोमवार को पेटेंटेड प्री-इमर्जेंट शाकनाशी ‘अल्टेयर’ पेश करने की घोषणा की।
कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि अल्टेयर को जापानी फर्म निसान केमिकल कॉरपोरेशन द्वारा विकसित किया गया है और भारत में आईआईएल द्वारा विशेष रूप से इसका विपणन किया जाएगा।
आईआईएल के प्रबंध निदेशक राजेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि भारतीय धान किसानों को हाथ से निराई, उपज से समझौता और शाकनाशियों के कई बार इस्तेमाल जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि नया उत्पाद ‘‘धान में अधिकांश खरपतवारों के अंकुरण को रोकता है।’’
कंपनी ने कहा कि पारंपरिक शाकनाशियों के विपरीत, अल्टेयर मिट्टी में पहले दिन से ही सुरक्षात्मक अवरोध बनाता है और किसानों को इसे रोपाई के 0-3 दिन के भीतर लगाने की सलाह दी।
कंपनी ने कहा कि यह प्रारंभिक हस्तक्षेप 40-50 दिन तक खरपतवारों के उगने को रोकता है, जिससे महत्वपूर्ण प्रारंभिक विकास चरणों के दौरान स्थायी सुरक्षा मिलती है।
आईआईएल के मुख्य विपणन अधिकारी दुष्यंत सूद ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान 500 से अधिक बड़े भूखंडों पर अल्टेयर का प्रदर्शन विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के 10,000 से अधिक किसानों के सामने किया गया है। किसानों ने इसे अपने मौजूदा शाकनाशी से अधिक प्रभावी पाया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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