नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) विनिर्माण, खनन एवं बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण भारत की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल में सुस्त पड़कर 2.7 प्रतिशत रह गयी। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी मिली।
आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा गया औद्योगिक उत्पादन अप्रैल, 2024 में 5.2 प्रतिशत बढ़ा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मार्च के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 3.9 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पिछले महीने यह अनुमान तीन प्रतिशत बताया गया था। भारत की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर फरवरी में 2.7 प्रतिशत थी।
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि अप्रैल में थोड़ी कम होकर 3.4 प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले इसी महीने में 4.2 प्रतिशत थी।
खनन उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
बिजली उत्पादन की वृद्धि भी अप्रैल, 2025 में धीमी होकर एक प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 10.2 प्रतिशत थी।
उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार, पूंजीगत वस्तु खंड की वृद्धि अप्रैल 2025 में बढ़कर 20.3 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.8 प्रतिशत थी।
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (फ्रिज, एसी आदि का उत्पादन) में अप्रैल 2024 में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले समीक्षाधीन महीने में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन अप्रैल में 1.7 प्रतिशत घटा, जबकि एक अप्रैल 2024 में इसमें 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं में अप्रैल में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल 2025 में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एक साल पहले इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
मध्यवर्ती वस्तु खंड में उत्पादन आलोच्य महीने में 4.1 प्रतिशत रहा, जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 3.8 प्रतिशत था।
भाषा निहारिका रमण
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