मुंबई, 13 नवंबर (भाषा) भारत अपने श्रमबल को 2023 के 42.37 करोड़ से बढ़ाकर 2028 तक 45.76 करोड़ करने की राह पर है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह 3.38 करोड़ श्रमिकों की शुद्ध वृद्धि है।
अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी ‘सर्विस नाउ’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, उभरती प्रौद्योगिकी भारत के वृद्धि वाले प्रमुख क्षेत्रों में प्रतिभा में बदलाव लाएगी, जिससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2028 तक 27.3 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, मांग में यह वृद्धि खुदरा पेशेवरों को सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग विकास और डेटा इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में कौशल बढ़ाने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इसके बाद विनिर्माण (15 लाख नौकरियां), शिक्षा (8.4 लाख नौकरियां) और स्वास्थ्य सेवा (आठ लाख नौकरियां) का स्थान है, जो अपेक्षित आर्थिक वृद्धि और प्रौद्योगिकी आधारित बदलाव से प्रेरित है।
सर्विस नाउ इंडिया टेक्नोलॉजी एवं बिजनेस सेंटर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुमीत माथुर ने कहा, “एआई रोजगार सृजन के लिए भारत के वृद्धि इंजन, विशेष रूप से उन्नत प्रौद्योगिकी कौशल की आवश्यकता वाली भूमिकाओं में एक प्रमुख उत्प्रेरक होगा।’’
उन्होंने कहा कि देश की प्रतिभाओं को इन आवश्यक कौशल से लैस करके यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भारत वैश्विक प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था में अग्रणी बना रहे।
यह रिपोर्ट देश के श्रम बाजार की आधार रेखा के विश्लेषण पर आधारित है, जो जनगणना और श्रम बल सर्वेक्षण के आंकड़ों से प्राप्त हुई है।
भाषा अनुराग अजय
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