नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) देश की पवन ऊर्जा क्षमता 2030 तक 107 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है, जो सरकार के 100 गीगावाट के लक्ष्य से अधिक है।
‘ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल (जीडब्ल्यूईसी) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
‘विंड एट द कोर: ड्राइविंग इंडिया’ स ग्रीन एंबिशन्स एंड इंटरनेशनल इन्फ्लुएंस’ नामक इस रिपोर्ट को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा सचिव संतोष कुमार सारंगी की उपस्थिति में जारी किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की वर्तमान 51 गीगावाट की स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता, राज्य-स्तरीय संसाधन पर्याप्तता योजनाओं के अनुरूप, 2030 तक दोगुनी से भी ज्यादा होकर 107 गीगावाट हो सकती है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा विनिर्माण केंद्र बन गया है।
यह वैश्विक मांग का 10 प्रतिशत पूरा करने के लिए तैयार है और इससे 1,54,000 नई नौकरियां पैदा होंगी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें से 100 गीगावाट पवन ऊर्जा से आएगा।
उन्होंने कहा, ‘पवन ऊर्जा से लगभग एक-चौथाई नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता आने की उम्मीद है।’
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय
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