दुबई, 18 फरवरी (भाषा) भारत के शीर्ष प्रवासी कारोबारियों ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की सरहाना की है।
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक समझौता आर्थिक और वाणिज्यिक कारोबार को अगले स्तर पर ले जाएगा और इससे दोनों पक्षों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किये गये। एफटीए को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान किया गया।
यूएई में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने कहा कि सीईपीए से अगले पांच साल में भारत और यूएई के बीच व्यापार 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है।
यूएई में कई कारोबारियों ने भी सीपीईए पर हस्ताक्षर करने के लिए दोनों सरकारों की प्रशंसा की।
लुलु समूह के अध्यक्ष और अबू धाबी चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष यूसुफली एमए ने कहा कि यह समझौता भारत और यूएई के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापार संबंधों में वास्तव में ‘एक ऐतिहासिक और बहुत ही निर्णायक क्षण’ है।
विजन एक्सपोर्ट्स यूएई, कोगेफ ग्रुप और आरएएफ ग्लोबल के चेयरमैन रिजवान अदतिया ने कहा कि सीईपीए भारत की आजादी के 75 साल और यूएई की स्थापना के 50 साल पूरे करने के साथ एक नए युग की ओर पहला कदम है।
जीएमबीएफ ग्लोबल, दुबई के अध्यक्ष डॉ सुनील मांजारेकर ने कहा कि सीईपीए समझौता भारत और यूएई के आर्थिक और वाणिज्यिक कारोबार को अगले स्तर पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापार के स्तर पर यह बहुत बड़ा बदलाव लाएगा और इससे दोनों देशों को फायदा होगा।
भाषा जतिन रमण
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