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गुरूवार, 15 मई, 2025
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भारत का चीनी समापन स्टॉक अंत की मांग को पूरा करने को पर्याप्त: एनएफसीएसएफ

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नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का चीनी समापन स्टॉक (भंडारण) 48-50 लाख टन होने का अनुमान है। एनएफसीएसएफ ने कतहा कि यह चालू 2024-25 सत्र में उत्पादन में गिरावट के बावजूद अक्टूबर-नवंबर, 2025 में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

चीनी सत्र अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

सहकारी निकाय ने कहा कि 2024-25 सत्र के 15 मई तक चीनी उत्पादन 18.38 प्रतिशत घटकर 2.57 करोड़ टन रह गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 3.15 करोड़ टन था।

उत्पादन में गिरावट चीनी की कम प्राप्ति (रिकवरी) दरों के कारण हुई है, जो 10.10 प्रतिशत से घटकर 9.30 प्रतिशत रह गई। इसके कारण पेराई के लिए गन्ने की उपलब्धता घट गई। इसी अवधि में कुल गन्ना पेराई पहले के 31.22 करोड़ टन से घटकर 27.67 करोड़ टन रह गई।

एनएफसीएसएफ ने 2024-25 सत्र में कुल चीनी उत्पादन 2.61 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले सत्र में 3.19 करोड़ टन था।

महासंघ ने बयान में कहा, ‘‘सत्र के अंत में स्टॉक लगभग 48-50 लाख टन रहने का अनुमान है, जो अक्टूबर और नवंबर 2025 में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।’’

अनुकूल मानसून की स्थिति और महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में गन्ने की बुवाई में वृद्धि के कारण 2025-26 सत्र में उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है।

कम उत्पादन और निर्यात की अनुमति देने के सरकार के फैसले से चीनी की मिल कीमत 3,880-3,920 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी हुई हैं।

एनएफसीएसएफ ने सरकार से बढ़ी हुई उत्पादन लागत की भरपाई के लिए चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य में वृद्धि करने, वर्ष 2025-26 में एथनॉल के लिए 50 लाख टन चीनी स्थानांतरित लक्ष्य की घोषणा करने, एथनॉल खरीद मूल्यों को संशोधित करने और एक प्रगतिशील निर्यात नीति बनाए रखने का आग्रह किया।

भाषा राजेश राजेश अनुराग

अनुराग

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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