नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) एचसीएल के सह-संस्थापक अजय चौधरी का कहना है कि अनुकूल नीतियों के सहारे भारत का विनिर्माण को प्रोत्साहन देना समय की मांग है और इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर क्षेत्र में व्यापक अवसर का फायदा उठाने के लिए वह मजबूत स्थिति में है।
सेमीकंडक्टर के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से गठित सलाहकार समिति के सदस्य चौधरी ने भरोसा जताया है कि भारत हार्डवेयर उत्पादन एवं चिप के निर्माण में दुनिया के लिए एक भरोसेमंद साझेदार के तौर पर उभर सकता है।
चौधरी ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए नीतिगत कदमों ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर उत्पादन के वैश्विक केंद्र के तौर पर उभरने का ठोस आधार तैयार कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, मुझे यह एक शानदार नीति लगती है। मेरा मानना है कि मौजूदा हालात में यह और भी अहम हो गई है। चीन को लेकर दुनियाभर में भरोसे की कमी होने का मतलब है कि हमारे पास न सिर्फ भारत में बने सेमीकंडक्टर चिपों के निर्यात करने का बढ़िया मौका है बल्कि यहां बना हार्डवेयर भी हम विदेशों को भेज सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत को अब इस मौके का लाभ उठाने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है और सेमीकंडक्टर एवं हार्डवेयर के लिए चीन के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करना चाहिए।
चौधरी ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में जब आपूर्ति शृंखला पर काफी असर पड़ रहा है, दुनिया विकल्पों की तलाश कर रही है। भारत एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में उभर सकता है क्योंकि हमारी पहचान ऐसी ही रही है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की लगातार आ रही लहरें और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे भू-राजनीतिक तनाव से लागत और आपूर्ति शृंखलाओं को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, लेकिन इससे भारत के लिए विनिर्माण में एक मौका भी पैदा हुआ है।
सरकार ने देश में ही सेमीकंडक्टर के विकास एवं विनिर्माण के लिए 76,000 करोड़ रुपये का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिये सेमीकंडक्टर के विनिर्माण एवं विकास से जुड़ने वाली कंपनियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी।
भाषा प्रेम अजय
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