नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) भारत के खुदरा क्षेत्र के 2034 तक बढ़कर 190 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका सबसे अधिक लाभ उन खुदरा विक्रेताओं को होगा जिनके पास देश की विविध जनसांख्यिकी और विपरीत उपभोक्ता व्यवहारों को अपनाने की क्षमता है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि अलग-अलग उपभोक्ता समूहों के साथ (जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी जरूरतें हैं) खुदरा विक्रेताओं को विभिन्न अवसरों को पहचानने और ‘भारत’ और ‘इंडिया’ में सफल होने के लिए वे कहां खेलना चाहते हैं, इसका तेजी से चयन करने की जरूरत होगी।
भारत में खुदरा बाजार 2024 में 82 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह 2014 में 35 लाख करोड़ रुपये का था। पिछले दशक के दौरान देश का खुदरा क्षेत्र सालाना 8.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की आर्थिक वृद्धि तथा विविधता वाले उपभोक्ता आधार की वजह से खुदरा क्षेत्र तेजी से बढ़ा है।
रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 महामारी के समय को छोड़कर भारत की उपभोग वृद्धि का रुख अच्छा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय खुदरा क्षेत्र 2024-34 के दौरान सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है।
इसमें कहा गया है कि भारतीय खुदरा क्षेत्र विशाल है और इसके 2034 तक 190 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है।
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