नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) अमेरिका के इस्पात और एल्युमीनियम पर शुल्क को लेकर चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने के भारत के प्रस्ताव पर 17 मई से शुरू हो रही दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता में चर्चा की जाएगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी और इसे एक व्यावहारिक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि भारत ने जो किया है, वह कोई ‘अनोखा या नया’ नहीं है। यह एक ‘व्यावहारिक’ दृष्टिकोण है, जिसे देश ने डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) में अपनाया है।
भारत ने सोमवार को अमेरिकी शुल्क को लेकर उसके खिलाफ डब्ल्यूटीओ के मानदंडों के तहत जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने अधिकार सुरक्षित रखा है। जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखना है, लेकिन हम जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हम अमेरिका के साथ कई मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं, यह भी व्यापार वार्ता के मुद्दों में से एक होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम डब्ल्यूटीओ नियमों के तहत मिले अपने किसी भी अधिकार को खोना नहीं चाहते हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि इससे पहले भी भारत ने यूरोपीय संघ के 2019 और 2021 के इस्पात रक्षोपाय को लेकर विश्व व्यापार संगठन को यूरोपीय संघ के खिलाफ इसी तरह की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसे आज तक लागू नहीं किया गया है।
दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं ताकि 2030 तक द्विपक्षीय वाणिज्य को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर किया जा सके।
भाषा रमण अजय
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