मुंबई, 29 मई (भाषा) भारत के नौकरी बाजार में आर्थिक जटिलता और लागत को लेकर सतर्क भर्ती के बीच चालू वित्त वर्ष (2025-26) की पहली छमाही में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
नौकरी वेबसाइट ‘टीमलीज सर्विसेज’ की ‘रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट’ के अनुसार, यह पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की अक्टूबर-मार्च अवधि के 7.1 प्रतिशत से बहुत कम है।
टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में 2.8 प्रतिशत शुद्ध रोजगार परिवर्तन (एनईसी) का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के 7.1 प्रतिशत से कम है, क्योंकि साक्षात्कार में शामिल 47 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कार्यबल विस्तार की योजना का संकेत दिया, 28 प्रतिशत ने स्थिरता का विकल्प चुना, जबकि 25 प्रतिशत ने कमी की संभावना जताई।
‘रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट’ व्यापक प्राथमिक और द्वितीयक शोध पर आधारित है, जिसमें देश भर के 23 उद्योगों और 20 शहरों के 1,263 से अधिक नियोक्ताओं से जानकारी प्राप्त की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘फ्लेक्सी-स्टाफिंग’ का चलन बढ़ रहा है, जिसमें 69 प्रतिशत नियोक्ता चक्रीय मांग और मौसमी स्थिति को प्रबंधित करने के लिए लचीले कार्यबल मॉडल को अपना रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संगठनों को दीर्घकालिक लागत के बोझ के बिना तेजी से विस्तार करने की सुविधा देकर ‘फ्लेक्सी-स्टाफिंग’, विशेष रूप से कम कर्मचारियों वाली पहली छमाही के दौरान महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
इसी प्रकार, गिग अर्थव्यवस्था (अल्पकालिक अनुबंध या स्वतंत्र कार्य) नियुक्ति रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई है, जिसमें 64 प्रतिशत नियोक्ता ‘गिग’ मॉडल के माध्यम से बिक्री और ग्राहक सेवा भूमिकाओं का विस्तार कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, नियोक्ता अब डिजिटल साक्षरता (76 प्रतिशत), ग्राहक अनुभव प्रबंधन (68 प्रतिशत) और संचार (63 प्रतिशत) जैसी प्रमुख दक्षताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो प्रौद्योगिकी-तत्परता, सेवा खंड और प्रभावी सहयोग पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है।
भाषा अनुराग अजय
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