नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में सोने की खदानों से उत्पादन 2020 में 1.6 टन था, लेकिन दीर्घावधि में यह 20 टन प्रतिवर्ष तक बढ़ सकता है।
डब्ल्यूजीसी ने भारत में स्वर्ण बाजार पर गहन विश्लेषण की श्रृंखला के तहत ‘भारत में सोने का खनन’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
डब्ल्यूजीसी ने बयान में कहा कि रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में सोने के खनन की एक समृद्ध विरासत है, लेकिन इसकी वृद्धि पुरानी प्रक्रिया और कम निवेश से बाधित हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया में सोने का बड़ा उपभोक्ता में होने के बावजूद, छोटे पैमाने पर खनन करता है, और खनन बाजार में प्रवेश करना आसान नहीं है। भारत में 2020 में सोने की खदानों से उत्पादन सिर्फ 1.6 टन था।
परिषद ने कहा कि भारत के मौजूदा संसाधनों के आधार पर उम्मीद है कि दीर्घावधि के दौरान सोने का उत्पादन प्रतिवर्ष लगभग 20 टन तक बढ़ाया जा सकता है।
रिपोर्ट में नियामकीय चुनौतियों, कराधान नीतियों और बुनियादी ढांचे की कमी को इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या के रूप में चिन्हित किया गया है।
विश्व स्वर्ण परिषद के भारत में क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोमसुंदरम पी आर ने कहा कि चूंकि भारत दुनिया में सर्वाधिक सोने की खपत वाले देशों में शामिल है, इसलिए खनन क्षमता विकसित करना स्वाभाविक है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने के लिए विरासत में मिली बाधाओं को दूर करने और निवेश को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
भाषा पाण्डेय अजय
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