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Friday, 22 November, 2024
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अप्रैल-जून तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.8% रही, 8 में से 5 क्षेत्रों में देखी गई 5% से अधिक की वृद्धि

कृषि, और वित्तीय, रियल एस्टेट व प्रोफेशनल सर्विसेज क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में इस साल तेजी से वृद्धि हुई, जबकि अधिकांश अन्य क्षेत्रों में धीमी लेकिन मजबूत वृद्धि दर्ज की गई.

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नई दिल्ली: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के द्वारा मापी गई भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून 2023 की तिमाही में 7.8 प्रतिशत बढ़ी. इस दौरान जिन आठ क्षेत्रों पर विचार किया गया उनमें से पांच में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि केवल दो क्षेत्र – कृषि, और वित्तीय, रियल एस्टेट व प्रोफेशनल सर्विसेज – पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में तेजी से बढ़े हैं.

हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि पिछले वर्ष की समान तिमाही में देखी गई 13.1 प्रतिशत की वृद्धि से धीमी है, लेकिन यह लगभग 8 प्रतिशत के बराबर है जिसकी भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में भविष्यवाणी की थी.

इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में कृषि क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2022-23 की पहली तिमाही में देखी गई 2.4 प्रतिशत की तुलना में तेज़ है. हालांकि, अप्रैल-जून 2023 की वृद्धि जनवरी-मार्च 2023 तिमाही (वित्तीय वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही) में सेक्टर द्वारा देखी गई 5.5 प्रतिशत की वृद्धि से धीमी है.

वित्तीय, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज के क्षेत्र में 2023-24 की पहली तिमाही में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष की पहली तिमाही में यह 8.5 प्रतिशत और 2022-23 की चौथी तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी.

हालांकि, जीडीपी गणना में मापे गए अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्र पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष धीमे हो गए.

इस वर्ष की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 6.1 प्रतिशत से कम है, और 2022-23 की चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत से थोड़ी ही तेज है.

बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “4.7 प्रतिशत की विनिर्माण वृद्धि को असंगठित क्षेत्र के लाभ वृद्धि के रूप में कम प्रदर्शन के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए और इसलिए कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए मूल्यवर्धन अधिक रहा है.” डेटा जारी होने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने एक नोट में कहा.

निर्माण क्षेत्र, एक प्रमुख नियोक्ता, की वृद्धि दर 2023-24 की पहली तिमाही में धीमी होकर 7.9 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष की पहली तिमाही में 16 प्रतिशत थी. यह जनवरी-मार्च 2023 की अवधि में दर्ज की गई 10.4 प्रतिशत की वृद्धि से भी धीमी है.

‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं’ क्षेत्रों के समूह में इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 9.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई, हालांकि यह पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में देखी गई 25.7 प्रतिशत की तेज वृद्धि से धीमी है.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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