मुंबई, 31 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) दिसंबर तिमाही में बढ़कर 23 अरब अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.7 प्रतिशत हो गया।
चालू खाते की स्थिति इससे पिछली सितंबर तिमाही और एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले खराब हुई है। कैड किसी देश की विदेश व्यापार में मजबूती या कमजोरी को दर्शाता है।
भुगतान संतुलन के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घाटा 9.9 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.3 प्रतिशत था, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.2 अरब डॉलर या 0.3 प्रतिशत था।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि दिसंबर तिमाही में व्यापार घाटे के मोर्चे पर दबाव देखने को मिला, और बढ़ते आयात के कारण यह बढ़कर 60.4 अरब डॉलर हो गया।
हालांकि, इस दौरान कंप्यूटर और व्यावसायिक सेवाओं के मजबूत प्रदर्शन के कारण शुद्ध सेवा प्राप्तियों में वृद्धि हुई।
आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 1.2 प्रतिशत था, जबकि अप्रैल-दिसंबर, 2020 की समान अवधि में यह 1.7 प्रतिशत था।
भाषा पाण्डेय अजय
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